प्रेरणादायक कहानी
किरचें
अरूण और काजल की जिंदगी अच्छी चल रही थी । दो मुख्तलिफ विचारधाराओं की शादी को आखिरकार दोनों ने आत्मसात कर ही लिया था । काजल ने अरूण के साथ खुद को जोड़ ही लिया था । मगर उसके प्रेम की निशानी, वो एक कांच का ताजमहल उसने आज भी अपने शो-केस में सहेज कर रखा था ।
अरूण यह बात जानता था और इसलिए वो ताजमहल हमेशा उसकी आंखों में किरकिराता था । अक्सर दोनों की इस बात पर झड़प भी हो जाती
थी । अरूण चाहता था, काजल वो ताज, वो निशानी उस घर से हमेशा के लिए हटा दे, मगर काजल की यह दलील थी कि प्रेम तो नहीं जी सकी, कम से कम उसकी निशानी तो मेरे पास रहने दो । अपना सब कुछ तो तुमको दे चुकी हूं, क्या उस गुजरे वक्त की याद भी तुम मुझसे छीन लेना चाहते हो ? काजल की खुशी के लिए अरूण यह कड़वाहट पी जाता था, पर वह उस ताज को कतई बर्दाश्त नहीं कर पाता था । आखिर एक दिन अरूण के हाथ से अचानक वो ताज टूट गया । अरूण खुश था कि रास्ते का कांटा हमेशा के लिए निकल गया । काजल ने जब छन्न की आवाज सुनी तो दोड़ कर आई । देखा तो उसका प्यार जमीन पर चूर-चूर पड़ा था । काजल की आंख से दो मोती ढुलक पड़े । उसने अरूण से धीरे से पूछा,"अरूण, यह कैसे हुआ ?" अरूण ने ढिठाई से कहा, "गलती से हाथ लग गया । मैंने कोई जान-बूझ कर थोड़े किया। क्या मैं नहीं जानता, तुमको इससे कितनी मुहब्बत है । मैं तुमको कभी दुखी नहीं देख सकता । मुझे दुख है, मेरी वजह से तुम्हारा दिल दुखा।"
काजल ने आंसू पोंछे और होंठों पर हल्की मुस्कान रख कर बोली, "आपको तो चोट न लगी?" अरूण खुश था कि काजल को अब भी उसकी ही फिक्र है । अरूण ने तुरंत पैंतरा बदला । बड़े लाड़ से काजल के गले में बांहें डाल कर बोला, "मैं तुम्हारे लिए इससे भी खूबसूरत ताजमहल लाकर दूंगा ।" काजल ने कुछ नहीं कहा, बस मुस्कुरा कर उन टूटी किरचों को समेट कर एक जार में भर लिया, फिर से सहेजने के लिए , जिनको समेटने में उसकी उंगलियां तक जख्मी हो गईं ।
अरूण खुश था, अपनी विजय पर, तभी काजल ने पलटकर कहा, "आप नया ताजमहल तो ला सकते हैं, पर इस टूटे हुए ताज को जोड़ नहीं सकते ।मुझे अफसोस है कि उसने मुझे कांच की निशानी क्यों दी, जिसे साजिशों ने चकनाचूर कर दिया । पर एक बात बताओ, क्या अब ये किरचें तुम मेरे जेहन से अलग कर पाओगे?" अरूण एक पल में सब हार गया । वह अपनी ही नजर में गिर चुका था । सही मायनों में आज उसने काजल को खो दिया था और कारजल अपनी किरचों भरे जार को लेकर अब भी जीत चुकी थी ।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें