Motivation कहानी
असंयम ही डुबो देता है
एक जिज्ञासु व्यक्ति की मुलाकात एक ज्ञानी व्यक्ति से हुई। उसने ज्ञानी से पूछा,"जब सभी इंसानों की बनावट एक जैसी है, तो फिर उनमें से कुछ लोग
पतन के गर्त में गिरकर क्यों डूब जाते हैं ?" ज्ञानी ने जिज्ञासु व्यक्ति को दूसरे दिन तालाब के किनारे आने के लिए कहा। तय किए गए समय पर दोनों
तालाब पहुंचे। ज्ञानी के पास दो कमंडल थे। उनमें से एक कमंडल बिल्कुल ठीक था और दऊसरे के तले में छेद था। उसने दोनों कमंडलों को उस जिज्ञासु
व्यक्ति को दिखाया। ज्ञानी व्यक्ति ने तले वाले कमंडल को पानी में फेंक दिया। वह तैरता रहा। इसके बाद उसने बिना तले वाले कमंडल को पानी में फेंक
दिया। देखते ही देखते उसमें पानी भर गया और वह डूब गया। ज्ञानी ने जिज्ञासु से प्रश्न किया कि क्या तुम बता सकते हो कि दोनों कमंडलों की भिन्न भिन्न
परिणति का क्या कारण है? जिज्ञासु ने कहा कि जिसके तल में छेद था, वह डूब गया और जिसका तल मजबूत था,वह तैरता रहा। ज्ञानी ने कहा कि ठीक
इसी तरह इंसानों में असंयम के दोष होते हैं। कहने का आशय यह है कि अपने व्यक्तिगत दुर्गुणों से ही मनुष्य संसार की दुष्प्रवृत्तियां उनमें आकर उन्हें
डुबो देती हैं। कहने का आशय यह है कि व्यक्तिगत दुर्गुणों से ही मनुष्य संसार की दुष्प्रवृत्तियों की चपेट में आकर,डूब जाता है। जिन लोगों में दोष या छिद्र नहीं होता, वे सदा तैरते रहते हैं और पार उतरते हैं।
Bahut hi acchi kahani lagi mujhe
जवाब देंहटाएंThanks🙏
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