बीच के बच्चे की व्यथा

बीच के बच्चे की व्यथा

 बच्चे हमेशा शिकायतें करते हैं । उन्हें हमेशा लगता है कि आप किसी एक से ज्यादा और उनसे कम प्यार करती है। इसी क्रम में बड़ा बच्चा हमेशा इस बात से परेशान रहता है कि आप छोटे  को ज्यादा लाड़ करती हैं तो छोटे को लगता है कि आप केवल बड़े की बात सुनती है, उसकी तारीफ करती और उसकी पसंद का ख्याल रखती हैं । मगर इन दोनों के बीच वाले बच्चे का क्या ? क्या उसे भी आपसे यही शिकायतें रहती हैं या वह आपसे शिकायतें करने से बचता है ? 

असल में माता-पिता अपने छोटे और बड़े बच्चे की इच्छाएं इस कदर पूरी करने में लग जाते हैं कि कब उनका ध्यान अपनी बीच की संतान से हट जाता है, उन्हें भी पता नहीं चलता । इस स्थिति में माता-पिता का ध्यान न पाकर मंझली संतान खुद को साबित करने में लग जाती है । उसे परिवार में होकर भी अकेलापन महसूस होने लगता है । वह अपने भाई-बहनों से ईर्ष्या और अपर्याप्तता महसूस करने लगती है, जिस पर माता-पिता का ध्यान कम ही जाता है । मनोविज्ञान मंझले बच्चे की इस भावना को 'मिडिल चाइल्ड सिंड्रोम' का नाम देता है ।

अक्सर माता-पिता अपने इस मंझले यानी बीच की संतान को समझदार मानकर चलते हैं वे उससे हमेशा उम्मीद करते हैं कि वह बड़े बच्चे की तरह सारी जिम्मेदारियों को समझे, लेकिन छोटे बच्चे की तरह जिद भी न करें । माता-पिता की यह अपेक्षा अक्सर बच्चे को बीच में लाकर खड़ कर देती है, जिस कारण वह खुद को परिवार से अलग महसूस करने लगता है । उसे लगता है कि अगर वह बड़े बच्चे की तरह जिम्मेदारियों को समझेगा, पढ़ाई में अव्वल आएगा और माता-पिता की मदद करेगा तो सभी उससे प्यार करेंगें । लेकिन जब उसे इन सबके बाद भी प्यार और वह सम्मान नहीं मिलता तो वह परेशान होने लगता है, जिद करने लगता है । कभी-कभी कई बच्चे तो ध्यान आकर्षित करने के लिए शरारतें भी करने लगते हैं । 

ये सभी संकेत होते है कि आपका बच्चा मिडिल चाइल्ड सिंड्रोम का शिकार हो रहा है । इसी तरह और भी कई संकेत होते हैं, जो बताते हैं कि आपका बच्चा इससे पीड़ित हो सकता हैं । 

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