जीवन सार

       जीवन सार
कर से कमल कमल से कर,
कर कंगन से शोभा कर की।। 

वर से वधू वधू से वर,
वर वधू से है शोभा घर की।। 

नर से नारि नारि से नर,
नर नारी से बन्धन तन की।। 

जन से जनक जनक से जन,
जन जीवन से मंगल जन की।। 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Motivation कहानी

जीवन-मरण वितरण