मां बाप बनने की होड़ में
मां बाप बनने की होड़ में
माँ द्वारा रोपित परम्पराओं ने
मुझे बहुत दुख दिया है फिर भी ...
कुछ आर्दशों की जडे़ इतनी गहरी है
जिसने जीवन मर्यादित और सुखी किया है लेकिन
आत्मविश्वास के अभाव में हर बार दोष
मैंने माँ को दिया है...।
माँ बनकर माँ से तुलना करती फिर भी
माँ के योग्य न लगती छिप
जाऊ माँ के आँचल में जी भर के रोऊं..।
आज माँ है फिर भी
उसकी पहचान कम हो गई है माँ बाप
बनने की होड़ में अकेली
हो गई है।
माँ
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