यादें

यादें

 कुछ यादें मन के झरोखे पर सिमटकर रह जाती है 

      भूले-बिसरे वे कभी-कभी हमें

         बहुत कुछ याद दिलाती हैं

वो अमिट यादें, जो हमारी धरोहर हैं

     हमारे मन में बस जाती हैं

           पर कुछ यादें 

     दिल से नहीं निकल पाती हैं 

         भूलना ही जीवन है 

     और वर्तमान बस हमारा है 

      अतीत को याद करना,

     विडंबना और भुलावा है

      अतीत बीत जाता है, 

    हर क्षण समय के साथ

       आगे बढ़ जाता है 

     पर ये यादें परछाइयां

      बन साथ निभाती हैं

          मन-बेमन 

  उभर-उभर कर आती हैं 

       दुखद यादों को 

     अतीत के सागर में 

        डुबो कर ही 

      हम जी सकते हैं

        और सुखद

     यादों को भविष्य का 

        आधार बनाकर 

      कुछ सीख सकते हैं 

  वो पल जो हमें सुकून दे 

     वही पल हमारे हैं 

   शायद वही पल हमारे 

 सुखद जीवन के सहारे हैं।

 

 

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